कार्यक्रम- कथक कार्यशाल एवं नृत्य

दिनांक- 06 मई 2019 से 7 मई 2019

आमंतित्र कलाकार- दीप्ती गुप्ता एवं साथी कलाकार मानसा

स्थान

1- न्यू नारायण विद्यालय शिकोहाबाद,

2- सर्वोदय स्थली ब्रहमाण्डेश्वर वाकलपुर,

3- संस्कृति भवन हिन्द लैम्प्स परिसर स्थित संस्कृति भवन,

4- प्राथमिक विद्यालय नीम खेरिया,

5- एस.आर. ज्ञानेश्वरी इण्टर कालेज फिरोजाबाद।

स्पिक मैके एवं शब्दम् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कथक कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों में शास्त्रीय नृत्य कलाओं के प्रति आकर्षण पैदा करना और उनको भारतीय संस्कृति से परिचय कराना है।

फोटो केप्सन

कथक कार्यशाला एवं नृत्य की झलकियां।

कथक कार्यशाला एवं नृत्य की झलकियां।

कथक कार्यशाला एवं नृत्य की झलकियां।

कथक कार्यशाला एवं नृत्य की झलकियां।

कार्यक्रम- कथक कार्यशाल एवं नृत्य

दिनांक- 06 मई 2019 से 7 मई 2019

आमंतित्र कलाकार- दीप्ती गुप्ता एवं साथी कलाकार मानसा

स्थान- न्यू नारायण विद्यालय शिकोहाबाद, सर्वोदय स्थली ब्रहमाण्डेश्वर वाकलपुर, संस्कृति भवन हिन्द लैम्प्स परिसर स्थित संस्कृति भवन, प्राथमिक विद्यालय नीम खेरिया, एस.आर. ज्ञानेश्वरी इण्टर कालेज फिरोजाबाद।

दीप्ती गुप्ता का परिचय

दीप्ती गुप्ता का जन्म जिला आगरा के कस्बा ऐत्मादपुर में हुआ। बचपन से ही नृत्य में उनकी विशेष रूचि को देखते हुए उनके माता-पिता ने एत्मादपुर में ही कलावती संगीत कला निकेतन में नृत्य प्रशिक्षण हेतु उन्हें प्रवेश दिला दिया।

आपकी प्रारम्भिक शिक्षा फिरोजाबाद के किड्स काॅर्नर स्कूल में हुयी। आपकेे गुरु श्री धीरेन्द्र तिवारी जी रहे जिन्होंने आपकी प्रतिभा को निखारा एवं उन्हें दिल्ली के कथक कला केन्द्र में सीखने की सलाह दी और मार्गदर्शन प्रदान किया।

आपने खैरागढ विश्वविद्यालय से कथक में मास्टर की उपाधि प्राप्त की तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ कथक डांस] कथक केन्द्र] नई दिल्ली से डिप्लोमा प्राप्त किया। आपने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से कथक में प्रवीणता प्राप्त कर, भातखण्ड़े विश्वविद्यालय से कथक में निपुणता हासिल की।

आपको भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-20 छात्रवृत्ति प्रदान की गई। इससे पूर्व आपको कथक नृत्य में दक्षता को देखते हुए कथक नृत्य के राष्ट़ीय संस्थान नई दिल्ली द्वारा भी छात्रवृत्ति प्रदान की गई। आप साहित्यक कला परिषद की सदस्य भी हैं।

दीप्ती जी वर्ष 2008 से 2019 तक देश के प्रमुख शहरों जैसे जबलपुर, भूपाल] त्रिवेंदरम्] जयपुर] लखनऊ उड़ीसा] मुम्बई के साथ-साथ विदेशों में यूनाईटेड़ किगड़म] मंगोलिया] मलेशिया] बहरीन] चाइना इत्यादि अनेक देशों में अपनी कला का परचम लहराया है।

आपने गुरु गीताजंलि लाल] पं- जयकिशन महाराज] एवं श्रीमती शरमिष्ठा मुखर्जी के साथ-साथ कथक का पूर्ण ज्ञान सुविख्यात गुरू पंडित राजेन्द्र गंगानी जी के सान्ध्यि में प्राप्त किया। आपका कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से कथक नृत्य, कोरियोग्राफी] कला दूरदर्शिता का प्रशिक्षण देना है। आपके द्वारा गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढाते हुए ‘‘त्रयम डांस एण्ड़ एकेडमी’’ का निर्माण किया जिसके अंतर्गत कई विद्यार्थी संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहे है।

 

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