'शब्दम्' आयोजनों में पधारे विशिष्ट वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय
डा. प्रेमनारायण श्रीवास्तव डी.लिट्. -
- पूर्व आचार्य सूरपीठ डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा।
- ब्रज साहित्य, भारतीय धर्म-दर्शन और साहित्य की अनेक पुस्तकों के रचनाकार एवं सम्पादक, विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित, अनेक विद्वत् गोष्ठियों एवं सन्त-सम्मेलनों का संयोजन एवं संचालन।
प्रो. गोविन्द शर्मा -
- पूर्व निदेशक वृन्दावन शोध संस्थान, मंत्री स्वामी हरिदास सेवा संस्थान, हिन्दी विभागाध्यक्ष, प्राचार्य पद से सेवा निवृत्त।
- कवि, कहानीकार, ललित निबन्धों के रचनाकार, विभिन्न सांस्कृतिक रचनाओं के सम्पादक, ब्रज विभूति से सम्मानित, ब्रज संस्कृति के सम्मानीय विद्वान।
भागवतभास्कर पं. श्रीकृष्ण चन्द्र जी शास्त्री 'ठाकुर जी' -
- अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भागवताचार्य, 700 से अधिक भागवत सप्ताहों का सफल अनुष्ठान, भारतीय संस्कृति एवं वाङगमय के उच्चकोटि के विद्वान्।
पद्मश्री गोपालदास 'नीरज'
- पिछले 6 दशको से हिन्दी के सर्वोच्च प्रसिद्धि प्राप्त गीत कवि।
- लगभग चालीस पुस्तकों के रचयिता देश-विदेश में हिन्दी की कीर्ति पताका फहरा रहे हैं।
- समकालीन गीत की धारा के स्वर्णिम अध्याय, चिन्तन और दर्शन को गीत में ढालना और आखर-आखर ज्योति दीप बालना उनकी सहज सिध्दि है।
श्री उदयप्रताप सिंह
- साफ-सुथरी राजनीति और लोक मंगल कविता का हिमायती स्वर।
- दो बार लोकसभा एवं वर्तमान में राज्यसभा के सांसद होते हुए देश के हिन्दी के प्रख्यात ओज के कवि।
- हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए विदेशॉं में निरन्तर यात्रायें।
- वाणी में ओजस्विता, व्यक्तित्व में तेजस्विता, चिन्तन में सात्विक आवेश और चेतना में नवोन्मेश के प्रतीक।
श्री सोम ठाकुर -
- पचपन वर्षों से साहित्य साधना में रत हिन्दी के प्रवक्ता रहकर समीक्षक तथा खड़ी बोली एवं ब्रजभाषा में सृजन।
- रेडियो, टी.वी. सम्मानित पुरस्कृत होकर सम्प्रति उ.प्र. हिन्दी संस्थान के मनोनीत कार्यकारी उपाध्यक्ष पद पर आसीन।
- कुन्द के पुष्पों की धवलता, कल्पना की तरलता और हृदय की सरलता के प्रतिरुप।
डा. कुँअर 'बेचैन' -
- पिछले चार दशकों से गीत-नवगीत एवं ग़ज़ल विधा में सृजन करते हुए नयी पीढ़ी के बहुसंख्यक पुस्तकों के रचयिता तथा ग़ज़ल की 'छान्दसिक' व्याख्या में प्रवीण, पूर्व प्राध्यापक तथा समीक्षक।
- कविता की कांवर को अपने कंधे पर लेकर चलने वाले, सत्यं शिवं सुन्दरम् के मधुर गायक।
डा. उर्मिलेश "शंखधर"
- स्व. प्राध्यापक डा. उर्मिलेश "शंखधर" विगत तीस वर्षों से हिन्दी के सभी विधाओं के विख्यात कवि तथा समीक्षक एवं अनेकानेक पुस्तकों के रचयिता।
- विभिन्न पुरस्कारों से विभूषित।
- गीत से सम्पृक्त ओजतत्व के प्रभावी आख्यान, उनके राष्ट्रवादी स्वर यदि हमारे स्वाभिमान व्याख्यान हैं तो उनके गीत हमारे साँस्कृतिक वैभव के सोपान हैं।
श्री ओम प्रकाश "आदित्य" -
- पिछले चार दशकों से अधिक हिन्दी हास्य के विविध रुपों में हास्य व्यंग्य की रचना निरन्तर करने वाले रचनाकार।
डा. शिवओम 'अम्बर' -
- हिन्दी गीत-ग़ज़ल एवं अन्य विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर, काव्य मंचों के सर्वाधिक लोकप्रिय संचालक, सांस्कृतिक साहित्यिक श्रेष्ठ रचनाओं के साधक कवि हैं।
श्री प्रदीप चौबे
- देश-विदेश के हास्य व्यंग्य के प्रख्यात रचनाकार ग़ज़लकार।
- पिछले तीन दशकों से हास्य व्यंग्य ग़ज़ल के पुस्तको के रचयिता तथा सम्पादक।
श्री ओम व्यास 'ओम' -
- हास्य व्यंग्य और करुणा के उभरते हुये कवि, आकाशवाणी-दूरदर्शन तथा देश-विदेश में अपने काव्य पाठ और संचालन के लिए लोकप्रिय।
- पत्र-पत्रिकाओं में लेखन, समाज की विसंगतियों को शब्द देने का सराहनीय कार्य।
श्री रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी
- विगत चार दशकों से हिन्दी मंचों पर सम्प्रेशण की गुणवत्ता युक्त गीतकार के रुप में प्रतिष्ठित।
- अत्यधिक लोकप्रिय कवि जिन्होंने कविता की हर विधा में श्रेष्ठ रचनायें कीं।
सुश्री सरिता शर्मा
- पिछले बीस वर्षों से हिन्दी काव्य मंचों पर बड़ी तेजी के साथ ख्याति अर्जित करने वाली गीत कवयित्री हैं।
श्री राधा गोविन्द पाठक
- पिछले पचीस वर्षों से बृजभाषा में ललित गीत, छन्द रचनाओं के प्रणेता, नयी पीढ़ी के सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त कवि।
डा. रमाकान्त शुक्ल -
- आचार्य एवं अध्यक्ष हिन्दी विभाग, राजधानी कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली।
- 26 से अधिक ग्रन्थों के रचयिता, संस्कृत के विश्व विख्यात कवि और अब तक 90 देशॉं की यात्रा कर चुके हैं।
डा. इच्छाराम द्विवेदी -
- आचार्य एवं अध्यक्ष पुराण एवं इतिहास विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय, नयी दिल्ली।
- श्रीमद् भागवत के विशिष्ट विद्वान।
- 42 ग्रन्थों के रचयिता, संस्कृत हिन्दी एवं उर्दू साहित्य में निरन्तर लेखनरत हैं।
डा. विष्णु सक्सेना -
- हिन्दी मंच, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के अति लोकप्रिय कवि।
- देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में साहित्यिक एवं चिकित्सा-सम्बन्धी लेखों का निरन्तर प्रकाशन।
- विभिन्न साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित, कई बार विदेश यात्रायें।
- फागुन के राग, पुष्पों के पराग के अनुपम विहाग हैं।
- उनके गीत रागात्मकता को सोहाग देते हैं।
श्री कैलाश गौतम -
- हिन्दी और भोजपुरी बोली में प्रेमचन्द के उत्तराधिकार को ईमानदारी से जीने व विस्तार देने वाले, संघर्षशील, ठेठ और खांटी तेवर वाले किसान कवि और लेखक, हिन्दुस्तान एकेडमी, इलाहाबाद के अध्यक्ष हैं।
डा. रागिनी चतुर्वेदी -
- हिन्दी और ब्रज बोली की मिठास को गीतों में व्यक्त करने वाला स्वर है।
श्रीमती राधा पाण्डेय -
- अवधी, हिन्दी और ब्रज की रससिध्द कवयित्री हैं।
श्री गुरु सक्सेना -
- सहज हास्य के मूर्तिमन्त स्वरुप, व्यंग और विद्रूप के प्रभावी प्रारुप, कविता के मंच पर अपनी विधा के भूप, अनूप हैं श्री गुरु सक्सेना।
![]() |
![]() |