युवा पीढ़ी को शास्त्रीय विधा से रूबरू कराने के लिए कथक कार्यशाला का आयोजन

कार्यक्रम : कथक कार्यशाला एवं नृत्य

दिनांक : 7 दिसम्बर 2015 से 10 दिसम्बर 2015 तक

स्थान : वाह, जैतपुर कला (चम्बल क्षेत्र), इटावा, जसंवतनगर, सिरसागंज, फिरोजाबाद के विभिन्न विद्यालय एवं महाविद्यालय

आमंत्रित कलाकार : श्रीमती विद्या गौरी एवं साथी कलाकार

संयोजन : स्पिक मैके एवं शब्दम्

स्पिक मैके चेप्टर शिकोहाबाद एवं शब्दम् के सयुक्त बैनर तले दिनांक 7 दिसमबर 2015 से 10 दिसम्बर 2015 तक आगरा, फिरोजाबाद एवं इटावा जनपद के विभिन्न विद्यालय/महावि़द्यालय में ख्याति प्राप्त नृत्यांगना विद्या गौरी अडकर द्वारा जयपुर एवं बनारस घराने की कथक कार्यशाला एवं नृत्य का आयोजन किया गया।

छात्र-छात्राओं ने शास्त्रीत्र विद्या कथक नृत्य की बारीकियों को आगरा जिले के चम्बल जैसे बीहड के क्षेत्र में़ शास्त्रीय कथक न्त्यांगना विद्यागौरी द्वारा कथक नृत्य प्रदर्शन एवं कार्यशाला से पूरे चम्बल क्षेत्र कीे आवो हवाा को शास्त्रीय रागों और कथक नृत्य से सरावोर कर दिया। जहां कभी डकैतों और बागी की कहानियां चर्चा में रहती थीं। इस क्षेत्र में बसे लोगों के मध्य शास्त्रीय धरोहर कथक नृत्य की कार्यशाला एवं शास्त्रीय विद्या को पहुंचाने का कार्य स्पिक मैके चेप्टर शिकोहाबाद एवं शब्दम् के सयुक्त तत्वाधन मे पहली बार संभव हुआ, जिसे लोगों ने बहुत सराहा और समय-समय पर इस तरह के आयोजन कराने के लिए मांग की।

कथक कार्यशाला एवं प्रस्तुति का आयोजन चम्बल क्षेत्र के बाह स्थित एनडी जैन स्कूल, जैतपुर कलां स्थित बीडीएन इण्टर काॅलेज एवं सिद्धांत राज महाविद्यालय, जसंवत नगर में स्थित सुदिती ग्लोबल एकेडमी, सिरसागंज स्थित राजकीय महिला महाविद्यालाय, शिकोहाबाद हिन्द लैम्पस् परिसर स्थित संस्कृति भवन, इटावा स्थित माउण्ट लिटेरा स्कूल, कर्मक्षेत्र इण्टर काॅलेज एवं कर्मक्षेत्र महाविद्यालय, फिरोजाबाद स्थित राम कन्या इण्टर काॅलेज में कराया गया।

श्रीमती विद्या गौरी द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति एवं कार्यशाला के माध्यम से लगभग 5000 छात्र-छात्राओं ने फुटवर्क, कृष्ण भगवान की माखन चोरी, यशोदा मां का दुलार, कृष्ण की बाजे पैजनिया, सुरदास के पद एवं त था तई की बारीकियां विद्यार्थियों को बताईं। विद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षकगणों ने विद्या गौरी द्वारा दी गई कथक नृत्य की कार्यशाला को अत्यंत प्रभावी एवं प्रेरणादायक बताया। विद्यागौरी के साथ तबले पर उनके साथी कलाकार मुजफ्फर मुल्ला ने संगत दी।

श्रीमती विद्या गौरी का परिचय

विद्या गौरी जी, दूरदर्शन दिल्ली के उच्चकोटि के कलाकारों में से एक हैं। बनारस और जयपुर घराने की कथक शैली की सुप्रसिद्ध कलाकार हैं। उनका प्रारम्भिक प्रशिक्षण, बनारस शैली के प्रसिद्ध कथक गुरू जफर मुल्ला जी द्वारा दिया गया है। अपनी एम.एससी. (गणित) की डिग्री, प्राप्त कर वह वह दिल्ली के कथक के राष्ट्रीय संस्थान से जुड़ी और कथक के गुरू पं. राजेन्द्र गंगानी जी के कुशल मार्ग दर्शन में कथक को जयपुर शैली की वारीकियों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने कथक में पोस्ट डिपलोमा तथा आॅनर्स की उपाधि राष्ट्रीय कथक केन्द्र दिल्ली से, ‘उपन्तया विषारद’ गंधर्व महाविद्यालय और कथक पढविका तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ से प्राप्त की है।

विद्यागौरी ने सम्पूर्ण भारत में प्रख्यात कलाकारों जैसे पद्मश्री शोवना नारायण, जय किशन, सुश्री सरमिष्ठा मुखर्जी, सुश्री मोनिका नायक, श्रीमती कविता द्विवेदी, श्रीमती जयप्रभामैनन तथा श्रीमती शिखाहरे के साथ प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कथक केन्द्र नई दिल्ली में आसावरी स्कूल, आईएनसीईएन स्कूल में अध्यापन करने का गौरव प्राप्त है तथा एनडीएमसी और स्पिक मैके में वर्कशाॅप प्रदर्शन करने का श्रेय प्राप्त है।

विद्या गौरी भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजनो में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। विभिन्न देशों एवं आईसीसीआर के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय होने वाले संगीत-नृत्य आयोजनों में अपने नृत्य का कुशल एवं प्रभावी प्रदर्शन कर चुकी है।

आप ‘कलातीर्थ’ इंस्टीट्यूट आॅफ परफार्मिंग आर्ट की संस्थापिका हैं और शास्त्रीय विद्याओं का प्रशिक्षण दे रही हैं।

कथक नृत्य की प्रस्तुति देतीं विद्यागौरी।

कथक कार्यशाला में भाग लेने के लिए आतुर नन्हें-मुन्ने छात्र।

कथक कार्यशला का दृश्य।

कथक की बारीकियों के बारे में छात्राओं को जानकारी देतीं विद्यागौरी।

बीडीएन इण्टर काॅलेज जैतपुर के छात्र-छात्राओं के साथ विद्यागौरी।

एनडी जैन स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ विद्यागौरी एंव

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