कार्यक्रम विषय- शब्दम् जानकीदेवी बजाज ग्रीष्मकालीन शिविर

दिनांक- 21 मई से 30 मई 2018

स्थान- संस्कृति भवन, हिन्दलैम्प्स परिसर, शिकोहाबाद।

शिक्षिका-

1. श्रीमती सुषमा मिश्रा (विशेषज्ञ, सिलाई कला)

2. श्रीमती पूजा गौड़ (विशेषज्ञ, सौंदर्यकला)

3. श्री दीपक सिंह (प्रबंधक, बैंक आॅफ बड़ौदा - विशेषज्ञ बैकिंग)

4. श्रीमती आरती यादव (अधिवक्ता जिलान्यायालय, विशेषज्ञ महिला अधिकार- सरकारी योजनाओं की जानकारी)

5. श्री नीरज पाठक (विशेषज्ञ, पाककला)

6. योगाचार्य श्री शिवरतन सिंह (भारत स्वाभिमान समिति पंतजली योगपीठ)

सुदूर ग्रामीण अंचल की बलिकाओं एवं महिलाओं को शब्दम् जानकीदेवी बजाज ग्रीष्मकालीन शिविर के माध्यम से स्वावलम्बन की दिशा में बढ़ते कदम..........

शब्दम् के दस दिवसीय शिविर में ग्रामीण अंचल की उन बालिकाओं और महिलाओं को स्वावलम्बन के मार्ग पर बढ़ना सिखाया जिन बालिकाओं को घर से निकलने पर भी उनको मना किया जाता हो। सर्वे के दौरान शब्दम्् की टीम अपने उद्देश्यों के साथ ऐसे ग्रामीण परिवार के मध्य पहॅंुची जहाँ बालिकाओं और महिलाओं को समाज की पूरानी कुरूतियों के चलते पढ़ने-लिखने तक के लिए भी बाहर नहीं जाने दिया जाता है।

शब्दम् टीम ऐसे परिवारों से जुडी और बालिकाओं तथा महिलाओं को ग्रीष्मकालीन शिविर तक लेकर आयी।

इस समर कैम्प में सिलाईकला के माध्यम से छात्राओं को ब्लाउज तथ बैग बनाना सिखाया गया। सौंदर्यीकरण के माध्यम से मेनीक्यार, पेडीक्योर, ब्लीच, फेशियल, आइब्रो एंव मेकअप की विधियाँ बतायी एवं सिखायी गयीं। मेहँदी कला में अरेबियन एंव इंडियन कलाएँ, सामान्य बैंकिंग की जानकी बैंक प्रबन्धक द्वारा तथा महिला वकील द्वारा महिलाओं के कानूनी अधिकार बताए गए। इनके अतिरिक्त संस्था ने पर्यावरण मित्र में चलायी जा रहीं गतिविधि ‘पर्यावरण कब तक सहेगा, कभी तो कुछ कहेगा’ इतना तो करें के बारे में बताकर छात्राओं को इस मुहिम से जोड़ा गया।

पर्यावरण मित्र की दूसरी गतिविधि तम्बाकू निषेध की पीपीटी अंतिम दिन छात्राओं को दिखायी गयी एवं तम्बाकू से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी गई। छात्रओं ने कहा कि वे अपने परिवार को तम्बाकू मुक्त परिवार बनाएंगी।

अंतिम दिन छात्राओं ने सुन्दर वस्त्र जैसे- ब्लाउज, बैग तथा सौदर्यीकरण में सजना संवरना, मेहँदी लगाना एवं साड़ी पहनने की कला का रंगारंग माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यक्रम के अंत में प्रत्येक छात्रा ने समर कैम्प के दौरान या अपने जीवन के कुछ अनुभव रखे।

कु. गीताजंली ने अपने परिवार की आपबीती सुनाते हुए कहा कि तम्बाकू ने मेरे चाचा की जान ले ली। मेरे चाचा बहुत तम्बाकू खाते थे हम सबने खूब रोका लेकिन वह नहीं माने अंततः उन्हें कैंसर हुआ और पिछले वर्ष ही उनकी असमय मौत हुयी। आज मेरी चाची और दो बच्चे तम्बाकू के राक्षस का शिकर हैं। यह कहते हुए गीताजंली मंच पर ही रोने लगीं।

कु. रीमा दिवाकर ने कहा कि मैं हरगनपुर की निवासी हूॅ जो यहाँ से लगभग 15 किलोमीटर है, मैंने अपने जीवनकाल में शिकोहाबाद प्रथमबार देखा है। मैं शब्दम् की आभारी हूँ मैं आगे भी शब्दम् से जुड़ी रहूंगी।

कु. प्रीती ने कहा कि हमारे आत्मविश्वास को और मजबूत किया है। देहाती क्षेत्र में लड़कियों को लड़कों से कम माना जाता है परन्तु ऐसा है नहीं हमें प्यार से अपने घर वालों को समझाना होगा और जीवन को अपने अनुसार ही जीना होगा।

आरती सिंह ने कहा कि मैं एक हाउस वाइफ हँू इस तरह के कैम्प में पहली बार शामिल हुयी हूँ। काश यह समर कैम्प कुछ और दिन चलता।

फोटो परिचय-

जुसर मिक्सर ग्रांडर के बारे में जानकारी देते बजाज इलेक्ट्रिकल्स के अधिकारी नीरज पाठक।

पब्यूटीशियन का प्रशिक्षण देतीं शिक्षिका।

अखबार की कटिंग पर कपड़ा काटना सीखतीं छात्राएँ।

बैंकिंग की जानकारी देते बैक आॅफ बड़ौदा के प्रबन्धक दीपक सिंह।

प्राप्त प्रशिक्षण से तैयार बैगों एवं वस्त्रों के साथ छात्राएँ।

मेहँदी प्रशिक्षण के दौरान समूह छायांकन

योग क्रिया करती बालिकाएं।

पाॅवर प्वाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से शब्दम् गतिविधियों की जानकारी लेतीं बालिकाएं।

प्रमाण पत्र के साथ छात्राओं व शिक्षिकाओं का समूह छायांकन।

वैदिक अध्यात्मि व्यास परंपरा की उत्ताल उर्मियों के रसमय संवाहक श्रद्धेय श्री इन्द्रेश उपाध्याय जी का जन्म विश्व प्रसिद्ध भागवत भास्कर श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) के यहाँ वृज वसुन्धरा की पावन राजधानी वृंदावन में दिनांक 7 अगस्त 1996 को हुआ। श्रीमती नर्मदा देवी उपाध्याय एवं श्रद्धेय (ठाकुरजी) की मेधावी संतान ने अपने प्रारंभिक शिक्षा के समय से ही पू0 गुरूदेव एवं अपने पिताश्री के मनोयोग से श्रवण किया।

शआपके भागवत शुभारंभ के समय भारत के शीर्ष संत स्वामी गुरूशरणानंद जी महाराज, स्वामी राजेन्द्र दास, देवाचार्य जी महाराज, योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, पू0 रमेश भाई ओझा (भाई श्री), पू. मुरारी बापू आदि महापुरूषों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

 

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