वीणा के सुरों ने झंकृत किये मन के तार
सात्विक वीणा वादन कार्यक्रम
शब्दम् एवं 'स्पिक मैके' के संयुक्त तत्वावधान में लिटिल लैम्प्स और शिक्षा प्रकाशालय के सहयोग से स्टाफ क्लब में 19 अप्रैल 2006 को भारतीय शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम में वीणा वादन का आयोजन किया गया। ग्रेमी अवार्ड विजेता, विश्वविख्यात वीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट के शिष्य एवं यशस्वी पुत्र, विख्यात संगीतकार पंडित सलिल भट्ट द्वारा सृजित 'सात्विक वीणा' वादन के इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को शास्त्रीय वाद्य संगीत का निकटतम अनुभव प्राप्त हुआ। वीणा के तारों से निकली ध्वनियों ने बच्चों के अलावा सभी के मन को झंकृत किया।
नवसृजित वाद्य 'सात्विक वीणा' के बारे में भी कार्यक्रम में जानकारी दी गयी। इस वाद्य पर एक ही आघात से दर्जनों स्वर का सृजन किया जा सकता है। गुलाब की लकड़ी से बनायी गयी इस वीणा की ये भी विशेषता है कि इसमें कोई जोड़ नहीं है। श्री सलिल भट्ट पिछले 15 वर्ष से इस वीणा के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन कर रहे हैं।
वीणा वादन के द्वारा श्री सलिल भट्ट ने राग श्रावणी, राग योग आदि रागों के प्रस्तुतिकरण से मंत्रमुग्ध किया। पृथ्वीराज मिश्र की तबले की संगत ने वीणा के स्वरों को गम्भीर बनाया।
'स्पिक मैके' की जिला कॉर्डिनेटर डा. (सुश्री) राजश्री ने बताया कि ये संस्था युवाओं में भारतीय संगीत एवं संस्कृति के जागरण का कार्य कर रही है।
रागों का प्रस्तुतिकरण करते श्री सलिल भट्ट एवं उनके सहयोगी श्री पृथ्वीराज मिश्र | सात्विक वीणा कार्यक्रम में रागों के बारे में बताते श्री सलिल भट्ट |