नाटक 'विडम्बना' - शब्दम् द्वारा प्रस्तुतीकरण

शब्दम्' तथा हिन्द लैम्प्स स्टाफ क्लब के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 16.02.06 को हिन्द परिसर में ''विडम्बना'' नाटक का मंचन किया गया।

नाटक का शुभारम्भ करते हुए शब्दम् संस्था की अध्यक्ष श्रीमती किरण बजाज ने नाटकों के माध्यम से समाज में फैली विसंगतियों को दूर करने तथा जन सामान्य को जागृत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नाटक नई चेतना जागृत करने का सशक्त माध्यम है। समाज में फैली विकृतियों पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि नाटक ऐसी विधा है जिसे आम आदमी भी समझ सकता है तथा इन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास कर सकता है।''

हिन्द लैम्प्स के वरिष्ठ सहायक महाप्रबन्धक श्री ओ.पी. खण्डूड़ी द्वारा निर्देशित एवं श्री अनिल कुमार मिश्रा द्वारा लिखित नाटक ''विडम्बना'' के माध्यम से आज के राजनैतिक भ्रष्टाचार एवं कुरीतियों पर सीधा व्यंग्य किया गया। इसके साथ ही नियति ही नियामक है, का सूक्ति वाक्य भी नाटक के माध्यम से चरितार्थ किया गया कि लाख कोशिशॅ करने के बाद भी मनुष्य को सफलता नहीं मिलती है। होता वही है जो नियति चाहती है। जीवन में कई बार यह महसूस किया जा सकता है कि हम सब काफी हद तक नियति के अधीन हैं।

श्री वी.पी. वर्मा, श्री प्रमोद बाबू यादव का अभिनय सराहनीय था। श्री वी.एस. पाल, श्री प्रमोद कुलश्रेष्ठ 'तन्हा', श्री अवधेश सिंह, श्री अनिल गोयल, श्री राजीव सक्सेना, श्री अभिनव कुलश्रेष्ठ, श्री अभिनय सिंह, श्री राजेन्द्र राजपाल, श्री रामवीर सिंह, श्री अपूर्व यादव और प्रदीप कुमार, कु. साक्षी कुलश्रेष्ठ आदि ने अपना प्रभावपूर्ण अभिनय कर इसे मूर्त रूप प्रदान किया। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम में बजाज इलेक्ट्रिकल्स के प्रबन्ध निदेशक श्री शेखर बजाज की गरिमामयी उपस्थिति के साथ-साथ प्रबन्धन के महत्वपूर्ण अधिकारीगण मौजूद थे। इसकी भावपूर्ण प्रस्तुति श्री वी.एम. राठी द्वारा की गयी। शब्दम् के सचिव डा. सुबोध दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

भावपूर्ण प्रस्तुति में श्री अवधेश यादव, श्री विजेन्द्र पाल, श्री प्रमोद कुलश्रेष्ठ।
चरम प्रस्तुति के क्षण - श्री बी.पी. वर्मा, श्री रामवीर सिंह, श्री अनिल गोयल, श्री अभिनय सिह, श्री प्रमोद कुलश्रेष्ठ, श्री विजेन्द्रपाल एवं श्री प्रदीप कुमार।

 

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