कार्यक्रम- ‘बहन बचाओ’ विचार गोष्ठी का आयोजन

दिनांक- 27 अगस्त 2015

स्थान- संस्कृति भवन, हिन्द लैम्प्स परिसर, शिकोहाबाद।

हिन्द लैम्पस् स्थित संस्कृति भवन में ‘बहन बचाओ] गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें विद्यालयों&महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं अन्य गणमान्य बुद्धजीवियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ श्रीमती किरण बजाज के मुम्बई से दिए गए संदेश से हुआ] जिसमें उन्होंन कहा कि जन्म से ही भाई और बहन को हर घर में समान अवसर सहयोग और अधिकार मिलें। हमारा आन्दोलन परिवार से शुरू होकर] विद्यालय और महाविद्यालय की ओर बढ़ेगा तभी उनका सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा ठीक आज से 2 वर्ष पूर्व शब्दम् संस्था ने ‘बहन बचाओ’ अभियान का प्रारम्भ किया था। जिसमें हमने पांच मुख्य बिन्दुओं पर बात की थी।

  1. बहन सशक्त कैसे हो ?
  2. बहन सुरक्षित कैसे हो ?
  3. बहन के अधिकारों की रक्षा कैसे हो ?
  4. बहन कुरीतियों से कैसे बचे ?
  5. राष्ट्रनिर्माण में बहन की भूमिका कैसे दृढ़ हो ?

अब समय इस चिंतन को तेजी से सक्रिय करने का है और यह तभी हो सकता है] जब भावी पीढ़ी को निरन्तर सही दिशा के लिए प्रेरित करें एवं पूर्ण रूप से सहयोग दें। मैं यह चाहूंगी कि हम सब मिलकर फिरोजाबाद जिले में ‘बहन बचाओ’ अभियान की ऐसी अलख जगाएं कि पूरे भारत में यह रोशनी फैल जाए] और हमारी हर बहन&बेटी भारत का भविष्य उज्जवल करने में सहायक हो।

शब्दम् सलाहकार डॉ. रजनी यादव ने कहा कि जो भाई] बहन की रक्षा न कर सके और बहन के प्रति गलत नज़रिया रखता हो, उसका एवं उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।

शब्दम् सलाहकार डॉ. महेश आलोक ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में महिलाओं के लिए एक हेल्प लाइन नम्बर होना चाहिए।

शब्दम् सलाहकार श्री अरविन्द तिवारी के अनुसार लिंगानुपात को समान करने हेतु अब भू्रण हत्या रोकने के लिए महिलाओं को भी जागरूक करना होगा] क्योंकि भ्रूण हत्या का एक बड़ा कारण महिलाएँ स्वयं भी हैं। उन्होंने कहा कि समस्त विद्यालयों में भी प्रतिवर्ष ‘बहन बचाओ’ अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।

ब्राइट स्कालर्स एकेडमी सिरसागंज के निदेशक श्री संजय शर्मा ने कहा कि ‘बहन’ का शाब्दिक अर्थ अपने पिता की बेटी ही है। हम इसे अलग ले लेते हैं। जबकि संसार की प्रत्येक बेटी हमारी बहन ही है।

पुरातन सरस्वती विद्या मन्दिर शिकोहाबाद के प्रधानाचार्य श्री अशोक जी ने कहा कि छा़त्र-छात्राओं की दिनचर्या एवं वेशभूषा पर परिजनों एवं शिक्षकों को बहुत जोर देना चाहिए, क्योंकि अच्छी दिनचर्या और अच्छी वेशभूषा से छात्रों में अच्छे विचार पैदा होते हैं।

ब्लूमिंग बड्र्स शिकोहाबाद के निदेशक श्री राजपचैरी ने कहा कि आज के वर्तमान समय में पूजा स्थल] कोचिंग सेन्टर और रेस्टोरेन्ट] अनैतिक गतिविधियों के केन्द्र बन गए हैं। प्रशासन को इन अनैतिक गतिविधियों के केन्द्रों का औचक निरीक्षण करना होगा, जिससे इन केन्द्रों की पवित्रता बनी रहे।

यंग स्कालर्स एकेडमी शिकोहाबाद की प्रधानाचार्य श्रीमती पूजा कपूर के अनुसार हम नैतिक शिक्षा का पाठ बेटियों को तो पढ़ाते हैं] परन्तु इसकी असली आवश्यकता बेटों को शिक्षित करने की है।

अन्य वक्ताओं में सिरसागंज से रामशरण विद्या निकेतन एवं डिवाइन इण्टरनेशनल स्कूल के प्रबन्धक श्री ओमशरण जी] क्षेत्रिय इण्टर कालेज के श्री नरेश जी एवं श्री सुरेश चन्द्र] ब्राइट स्कालर्स एकेडमी के प्रबन्धक श्री प्रवेश] आर्यसमाज से पं- नवीन शास्त्री तथा शिकोहाबाद के ज्ञानदीप विद्यालय से श्री आशीष गुप्ता] न्यू गार्डनिया से विनोद कुमार] यंग स्कालर्स से सीमा मिश्रा] श्रीमती भगवती देवी कन्या विद्यालय से कुमकुम पालीवाल, पतंजली से पी-एस- राना एवं सुशील आर्य के अनुसार, हमें महिलाओं के प्रति अपनी भावना को बदलना होगा और उनके प्रति व्यवहार में समानता लानी होगी। विचार गोष्ठी में पिछले वर्ष जारी किए घोषणा पत्र पर विचार किया गया एवं कुछ सुधार कर नया संयुक्त घोषणा पत्र तैयार किया गया, जिन बिन्दुओं पर शैक्षिणिक संस्थाएं कार्य करेंगी।

  1. शिक्षक-अभिवावक समिति का निर्माण।
  2. मातृशक्ति सम्मेलनों का क्रियान्वयन।
  3. विद्यालय&महाविद्यालयों में बालिका सशक्तिकरण की समितियों का निर्माण।
  4. बालिकाओं का सशक्तिकरण।
  5. जूडो-कराटे इत्यादि का प्रशिक्षण।
  6. योग का प्रशिक्षण।
  7. संस्कारों] नैतिक मूल्यों एवं गौरवमयी इतिहास की शिक्षा।
  8. इलैक्ट्रोनिक उपकरणों के सदुपयोग हेतु ठोस उपाय करना।
  9. पाठ्यक्रमों के आधार पर समय-समय पर विचार गोष्ठी।
  10. छात्र-छात्राओं को विशेषज्ञों द्वारा परामर्श देना।
  11. शालीन विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए अंक देना।
  12. कैम्प लगाकर तकनीकि एवं शारीरिक योग्यता प्रबल बनाना।
  13. छात्राओं के लिए एक हेल्प लाइन नम्बर प्रारम्भ करना।
  14. प्रत्येक विद्यालय में एक समिति बनाना, जो उपरोक्त बिन्दुओं पर लगातार कार्य कर सके।

कार्यक्रम के अंत में श्री मंजर उलवासै ने भारतीय वीरांगनाओ की ओर संक्षिप्त इंगित करते हुए विभिन्न महाविद्यालयों&विद्यालयों से पधारे प्राचार्यगण] पुरुष एवं महिला प्रवक्ताओं] अन्य प्रतिनिधि एवं समस्त प्रतिभागियों के प्रति शब्दम् संस्था की तरफ से आभार प्रकट किया।

फोटो परिचय-

‘बहन बचाओ अभियान’ विचार गोष्ठी में प्रबुद्धजन

विचार प्रस्तुत करते शिक्षक

समूह छायांकन

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