हिन्दी दिवस

कार्यक्रम - हिन्दी दिवस
दिनांक- 18 सितम्बर 2015
स्थान- ससंस्कृति भवन, हिन्द परिसर, शिकोहाबाद

मंचासीन-

“मेरे पोते ने इण्टरमीडिएट में 95 नम्बर प्राप्त किए है, हाई स्कूल में भी हिन्दी विषय में 95 नम्बर प्राप्त किए थे”, बताते हुए आर्यन के दादाजी का सीना गर्व से फूल गया। रोहित कुमार अपनी माता जी के साथ मंच पर पहुंचे, जब रोहित कुमार अपना पुरस्कार प्राप्त कर रहे थे इस समय उनकी मां के चेहरे पर वो भाव आसानी से पढे जा सकते थे जो उन्होंने रोहित को इस सफलता तक लाने के लिए किए थे। ऐसे 104 विद्यार्थी शब्दम् द्वारा आयोजित ‘‘छात्र-सम्मान समारोह” कार्यक्रम में उपस्थित हुए और अपने परिजन एवं गुरूजनों की उपस्थिति में अपना सम्मान गृहण किया।

‘शब्दम्’ के वार्षिक कार्यक्रमों की श्रृखंला में वर्ष 2015 हिन्दी दिवस पखवाडा के अन्तर्गत सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। सम्मानित होने वाले छात्रों में इण्टरमीडिएट और स्नातक, स्नातकोत्तर कक्षाओं के ऐसे छात्र-छात्राएं थे,़ जिनके हिन्दी विषय में इण्टरमीडिएट में 80 प्रतिशत व स्नातक, स्नातकोत्तर में 65 प्रतिशत या उससे अधिक अंक थे।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं का उत्साह शीर्ष पर था, हिन्दी के लिए सम्मान प्राप्त करने पर सभी छात्र-छात्राओं के चेहरे पर हर्ष उल्लास और गौरव का भाव स्पष्ट था और उनके शिक्षक भी खुद को गौरवान्वित अनुभव कर रहे थे।

इस वर्ष संस्था ने हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र से श्री राजेश द्विवेदी (पत्रकार दैनिक जागरण) जिनकी लेखनी पिछले 33 वर्षों से पाठकों को आंदोलित करती रही है आप सामाजिक संगठनों से जुड़कर देश सेवा का कार्य करते रहे हैं। श्री दिनेश बैजल (पत्रकार अमर उजाला) हिन्दी पत्रकारिता के साथ पिछले 30 वर्षों से जुड़े हुए हैं आप कई मासिक पत्रिकाओं, बाल साहित्य में भी लेखन का कार्य करते रहे हैं। श्री मुकेश गुप्ता (मूल चैनल) पिछले 9 वर्षों से हिन्दी रिर्पोटिंग में आपके योगदान को देखते हुए संस्था द्वारा आपको सम्मानित किया गया ।

व्यवसायिक क्षेत्र की कम्पनी हिन्द लैम्प्स से श्री श्यामकृष्ण शर्मा एवं श्री राजकिशोर सिंह को भी सम्मानित किया गया। श्री श्यामकृष्ण शर्मा तकनीकि क्षेत्र से जुड़े होते हुए भी हिन्दी साहित्य में गहरी रूचि रखते है।

शिकोहाबाद स्पिक मैके चैप्टर में भी इनकी महती भूमिका है। श्री राजकिशोर सिंह हिन्दी टंकण और हिन्दी पत्र ड्राफ्टिंग में विशेषज्ञता रखते हैं।

छात्र सम्मान कार्यक्रम के साथ ‘‘हिन्दी रोजगारपरक भाषा कैसे बने ?’’ विषय पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमें कई छात्रों ने अपने विचार रखे। जवाहरनवोदय विद्यालय की छात्रा कु. कल्पना ने हिन्दी को तकनीकी ज्ञान से जोडने पर बल दिया, ठा तारासिंह इण्टर कालेज के शिक्षक श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हिन्दी क्षेत्र में विकास की बात करना ही अपने आप में एक शर्म का विषय है।

श्री श्यामकृष्ण शर्मा ने कहा कि हिन्दी कई ऐसे तकनीकि शब्द जो आज हिन्दीकोष में उपलब्ध नहीं है आवश्यकता है कि हिन्दी उन्हें अपने शब्दकोष में दूसरी भाषा से लेकर सम्मलित करे। श्री दिनेश बैजल एवं श्री राजेश द्विवेदी ने भी हिन्दी को रोजगारपरक भाषा बनाने की दिशा में अपने सुझाव व्यक्त किए। श्री अरविन्द तिवारी ने कहा कि सर्वप्रथम परिवर्तन अपने परिवार से लाना होगा आज भी जब हमारे घर में कोई अतिथि आता है तो हम बच्चे को एक अंग्रेजी कविता सुनाने को कहते हैं न कि धार्मिक श्लोक या हिन्दी में कविता, हमें मानसिकता बदलनी होगी। आने वाला समय हिन्दी का है क्यांेकि बहुत सी कम्पनियां व्यापार हेतु भारत में आ रही है, इसके लिए वे लोग हिन्दी भाषा को सीख रहे हैं।

प्रो नंदलाल पाठक ने मुम्बई से दिए अपने संदेश में कहा कि मेरा सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि हिन्दी की नहीं, हिन्दी में बात करो, उपदेश देने वाले बहुत है उसका उपयोग करने वाले नहीं है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में शब्दम् अध्यक्ष श्रीमती किरण बजाज ने अपने संदेश में कहा कि ‘‘हमारा अनुरोध है हिन्दी की साक्षरता के लिए कम से कम एक निरक्षर को हिन्दी में साक्षर बनाएं।

मुख्य अतिथि डा. महेश आलोक ने कहा कि हिन्दी में रोजगार की सम्भावनाऐं सबसे अधिक है। हमें हिन्दी को बाजार की भाषा नहीं बनाना है बल्कि बाजार को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर देना है जिससे वह हिन्दी के अनुगामी बनें।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन श्री मंजर उल-वासै ने सभी छात्रों को बधाई दी एवं उनके आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाऐं दी।

फोटो परिचय-

सभागार का पीछे से दृश्य

सम्मान प्राप्त करते श्री दिनेश बैजल

सम्मान प्राप्त करते श्री राजेश द्विवेदी

सम्मान प्राप्त करते श्री मुकेश गुप्ता

सम्मान प्राप्त करते श्री श्यामकृष्ण शर्मा

सम्मान प्राप्त करते श्री राजकिशोर सिंह

ग्रुप फोटो सलाहकार समिति एवं शिक्षकगण

ग्रुप फोटो विद्यार्थी एवं शिक्षकगण।

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