शब्दम् ने किया बच्चों की नींव रखने वाले शिक्षकों का सम्मान

कार्यक्रम- शिक्षक दिवस
दिनांक - 04 सितम्बर 2014
स्थान- संस्कृति भवन, हिन्द परिसर, शिकोहाबाद

शिकोहाबाद में शिक्षक सम्मान समारोह एवं ‘शिक्षक ही है सृदृढ़ देश निर्माता’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया।

शब्दम् संस्था द्वारा इस वर्ष भी देश को भावी पीढ़ी के निर्माता शिक्षक का सम्मान किया गया। इस श्रृंखला में इस प्राइमरी एवं इण्टर स्तर के तीन शिक्षकों क्रमशः वीरेन्द्र सिंह चैहान, शिक्षक प्राथमिक विद्यालय नगला टपुआ, तहसील सिढपुरा, कासगंज, डा. राजेन्द्र कुमार तिवारी सेवानिवृत्त प्राचार्य पार्वती राष्ट्रीय इण्टर कालेज सिढ़पुरा, कासगंज एवं सुश्री रेखा शर्मा उपप्रधानाचार्य ज्ञानदीप विद्यालय शिकोहाबाद को शॉल, नारियल एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा. आर.के. सिंह जी को भी शॉल पहनाकर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर शब्दम् अध्यक्ष किरण बजाज के संदेश में कहा गया कि ‘‘जिस प्रकार आज पूरा देश रूपये के अवमूल्यन को लेकर चिंतित है, उसकी प्रकार मेरी चिंता चरित्र के अवमूल्यन को लेकर है। नैतिकता के अवमूल्यन की गति शून्य से भी नीचे गिरती जा रही है।

इस परिस्थिति को हल करने के लिए देश को नेताओं से अधिक राष्ट्रनिर्माताओं की आवश्यकता है। राष्ट्रनिर्माताओं की पूर्ति सिर्फ शिक्षक ही कर सकता है, क्यों कि वह तो राष्ट्रनिर्माताओं का भी निर्माता है।”

सम्मानित शिक्षकों की श्रृखंला में अपना वक्तव्य देते हुये श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि ‘‘मैंने अपने जीवन काल में कभी ट्यूशन नहीं पढाया है, मेरा मानना है कि ट्यूशन ही शिक्षा के पतन का मुख्य कारण है। मेरा विषय अंग्रेजी जरूर है परन्तु मैं इसका प्रयोग तभी करता हूँ जब सामने वाला हिन्दी न जानता हो तथा उन्होंने कहा कि मैं हिन्दी से बहुत प्रेम करता हूँ। तिवारी जी शिक्षक संघ के लिए कई बार जेल भी गए।”

इसी क्रम में वीरनेन्द्र सिंह चैहान ने कहा कि ‘शिक्षक का दायित्व केवल विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम रटाना ही नहीं बल्कि उस पाठ्यक्रम से छात्रों ने क्या सीखा इसका आकलन करना भी जरूरी है। विद्यार्थी अध्यापक के दर्पण होते है। विद्यार्थी के ज्ञान से ही शिक्षक की पहचान की जा सकती है। विद्यालय के एक उपवन है जिसमें विद्यार्थियों की लाइन उसकी क्यारी और छात्र फूल हैं जिसे एक माली रूपी शिक्षक अपने ज्ञान और तप से सींचता है।’

सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि ‘शिक्षक जब उसके कार्य के लिए सराहा जाता है तब उसे और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही उन्होने कहा कि सफलता के एक-एक सीड़ी चढ़कर जब हम सफलता पाते है इसके बारे में बच्चों को अवश्य बताना चाहिए और सफलता के लिए उन्हें प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि आज तक जो विद्यार्थी उनके सानिध्य में आए उनको, उन्होंने हमेशा इमानदारी और श्रेष्ठता का पाठ पढाया है।’

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आदर्श कृष्ण महाविद्यालय के प्राचार्य डा. आर.के.सिंह ने कहा कि ‘आज शिक्षा पतन के लिए मुख्य रूप से नकल एवं स्वपित्त पोषित संस्थान जिम्मेदार हैं। नकल द्वारा दी जा रही शिक्षा का कोई भविष्य नहीं होता, नकल द्वारा पास विद्यार्थी आगे चलकर यदि शिक्षक बनेंगे तो सोचिए कि वे अपने छात्रों को क्या सिखाएंगे। समाज के नैतिक पतन का कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट है। कालेज में आने वाला प्रत्येक विद्यार्थी मेरे लिए पुत्र-पुत्री समान हैं।’

मुख्य अतिथि का सम्मान करती सलाहकार समिति।

सम्मानित शिक्षकों के साथ समूह छायांकन।

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