शिक्षक सम्मान समारोह

दिनांक-6 सितम्बर 2019

स्थान-संस्कृति भवन, हिन्द लैम्प्स परिसर, शिकोहाबाद।

विशिष्ट शिक्षक सम्मान- मुहम्मद शाहिद, शिवरतन सिंह एवं परबीन बेगम।

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शब्दम् द्वारा शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह की मुख्य विशेषता यह थी कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षकों को यथा विद्यालयी शिक्षक मुहम्मद शाहिद प्रधानाचार्य कीठौत के साथ-साथ योग शिक्षक शिवरतन सिंह एवं सिलाई शिक्षिका परवीन बेगम को भी शिक्षक सम्मान के दायरे में लेते हुए सम्मानित किया गया। सभी शिक्षकों को बैजयन्ती माला, नारियल, हरित कलश, अंग वस्त्र एवं सम्मान पत्र देकर शब्दम् सलाहकार मण्डल के सदस्यों एवं कार्यक्रम अध्यक्ष उमाशंकर शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया।

आज के कार्यक्रम यह भी विशेषता थी कि सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकों को उत्तरीय एवं हरित कलश भेंट किया गया। इसके साथ ही ‘शिक्षण की विभिन्न विधाएँ एवं व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षक की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की गई। इसके पूर्व सम्मानित तीनों शिक्षकों ने अपने शिक्षण अनुभव की प्रक्रिया से उपस्थित छात्रों एवं अध्यापकों को लाभान्वित किया।

विशिष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित मुहम्मद शाहिद ने कहा कि मैं कथनी पर कम और करनी पर ज्यादा विश्वास करता हूँ इसी सिद्धान्त का पालन करते हुए मैंने पूरे गांव के सहयोग से विद्यालय को एक आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित करने की कोशिश की। विशिष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित योगाचार्य शिवरतन सिंह ने कहा कि जीवन में यदि शिक्षक समय का पालन नहीं करता तो वह छात्रों के भीतर भी समय के अनुशासन को समझाने में सहायक नहीं होता। मैंने इस सिद्धान्त का आजीवन पालन किया।विशिष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित सिलाई शिक्षिका परवीन बेगम ने कहा कि मैंने शब्दम् सिलाई केन्द्र के माध्यम से विशेष रूप से गरीब छात्राओं और महिलाओं को स्किल डवलपमेंट की शिक्षा दी। उन्हें सिलाई सिखाकर इस लायक बनाया कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

शिक्षक सम्मान समारोह के साथ-साथ ‘शिक्षण की विभिन्न विधाएं एवं व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षक की भूमिका’विषय पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम के प्रारम्भ में ही शब्दम् न्यासी मण्ड़ल के उपाध्यक्ष प्रो. नंदलाल पाठक एंव मुकुल उपाध्याय का सारगर्भित संदेश पढ़कर सुनाया गया।

कार्यक्रम संचालन डॉ. महेश अलोक ने किया। कार्यक्रम में मंजर उलवासै, डॉ. रजनी यादव, डा. प्रभास्कर राय, डॉ. ए.बी. चैबे, लक्ष्मीनारायण यादव, रवीन्द्र रंजन, कृपाशंकर शूल, नवीन मिश्रा, डॉ. अनीता, डॉ. यतीन्द्र, आर.एन.यादव, आरसी गुप्ता, विनीत बसंत, विमल यादव, पी.के.यादव, नारायण शर्मा, आदित्य नारायण, उदयवीर सिंह एवं विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकगण तथा बीटीसी की छात्राएं उपस्थित रहीं।

मुहम्मद शाहिद का परिचय

38 वर्षीय मुहम्मद शाहिद का जन्म एक पिछड़े समाज के निर्धन परिवार में हुआ था । पढ़ने-लिखने में रुचि एवं लगन रखने और स्वाभाविक रूप से परिश्रमी होने के कारण, उन्होंने मेट्रिक से परास्नातक (भूगोल) और बी.एड. तक की परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में तो उत्तीर्ण की हीं अपने हर कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किये ।

7 जनवरी 2006 को आपकी नियुक्ति राजकीय शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूल के सहायक अध्यापक के पद पर हुई और 2011 में आप की प्रोन्नति पर तैनाती बेसिक प्राइमरी स्कूल कीठौत जिला फिरोजाबाद पर हुई।

आपको जो विद्यालय मिला, उसका भवन अत्यंत जीर्ण-शीर्ण और गंदा था। ग्रामवासी उसका प्रयोग निजी कार्यों (जैसे शादी- विवाह , अपने पशुओं को बाँधने इत्यादि) में करते थे। विद्यालय में कुल मिलाकर 21 छात्र-छात्राएँ नामांकित थे और वे भी बहुत कम उपस्थित होते थे ।

मुहम्मद शाहिद ने साहस का परिचय देते हुए, एक एक परिवार से सम्पर्क कर महिला ग्राम प्रधान और उनके सहयोग से ग्रामवासियों के साथ सामूहिक बैठकें कर उनका विश्वास जीता और अपने वेतन और ग्रामवासियों से भी आर्थिक और व्यावहारिक सहयोग से विद्यालय भवन का कायाकल्प किया। विद्यालय की कच्ची जमीन पर पौधारोपण किया और शेष भूमि को पक्का कराया जिससे बरसात में भी कीचड़ न हो । विद्यालय भवन का निजी कार्यों के लिए प्रयोग ग्रामवासियों के सहयोग बिलकुल बन्द कराने में आप सफल हो गये । ग्रामवासी अपने बालकों को विद्यालय भेजने लगे। अपने सहयोगी अध्यापक-अध्यापिकाओं को अपने विश्वास में लेकर और अपना अतिरिक्त समय शिक्षण कार्य में लगाकर शिक्षा के स्तर को उत्तम से उत्तमतर बनाया। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा एवं अन्य अधिकारियों ने आपके कार्य की प्रशंसा कर आपका उत्साहवर्धन किया । उत्तर प्रदेश सरकार तक आपका नाम विशेष कर्मठ प्रधान - अध्यापकों में सम्मिलित हुआ और उस स्तर तक आप सम्मानितध पुरस्कृत हुए ।

शब्दम् परिवार आपके संपन्न, समृद्ध, स्वस्थ सुदीर्घ सुजीवन की सुकामना करता है ।

शिवरतन सिंह का परिचय

12-11-1950 को नसीरपुर जिला फिरोजाबाद में जन्मे, योगाचार्य नाम से प्रसिद्ध, शिवरतन सिंह का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। प्रकृति का प्रथम प्रकोप आपके ऊपर तब हुआ जब अपने मात्र छः मास के शिशु को छोड़ कर आपकी माता परलोक सिधार गयीं। उनके त्रयोदशी संस्कार के बाद ही आपकी बड़ी बहिन के ससुर आपको अपने साथ अपने घर ले गये और उस छह माह के शिशु को अपनी पत्नी को लालन-पालन के लिए उनकी गोद में सोंप दिया। बड़ी बहिन अभी अपनी श्वसुराल नहीं गयीं थीं, क्योंकि उनकी विदा अभी नहीं हुई थी। किन्तु अपनी पुत्र-वधू के भाई का पालन पोषण उन्होंने बहुत लाड़-प्यार से किया ।

शिशु से किशोर हुए शिवरतन सिंह ने अपनी मेट्रिक की परीक्षा वहीं (अपनी बड़ी बहिन की ससुराल) रहकर ही उत्तीर्ण की। अपनी किशोरावस्था तक शिवरतन सिंह ने यह अनुभव ही नहीं कर पाया कि वे अपनी माता के अतिरिक्त किसी अन्य के पास रह रहे हैं ।

मेट्रिक पास करने के पश्चात् आपने रेलवे विभाग के गार्ड की ट्रेनिंग लेना प्रारम्भ किया, पर दुर्भाग्य ने अभी उनका साथ नहीं छोड़ा था, ट्रेनिंग के दौरान ही उनके बड़े भाई का आकस्मिक निधन होगया। रेलवे विभाग ने आपको कोई अवकाश स्वीकार करने से इन्कार कर दिया ।

विवशता में अपने पिता जी के आदेश से आप बिना अवकाश अपने ( पिता के ) घर चले आये और आपको रेलवे ने विभागीय नियमों के अधीन सेवा में लेने से मना कर दिया ।

तब आपने दो वर्ष तक लेखपाल का कार्य अंजाम दिया , तत्पश्चात् आपने इंटरमीडिएट कर बी.टी.सी परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद आपने सीजनल अमीन का कार्य करने के साथ ही बी ए परीक्षा ( प्राइवेट) उत्तीर्ण की ।

शैक्षिक वर्ष 1979-80 में आपकी नियुक्ति राजकीय बेसिक शिक्षा विभाग के प्रायमरी स्कूल में सहायक अध्यापक के रूप में होगयी।यहाँ आपको सामयिक प्रोन्नतियाँ भी मिलीं । इसके साथ ही आपने योग- गुरु बाबा रामदेव से योग की शिक्षा ग्रहण की और फिर निरंतर योग की शिक्षा देने का समाज सेवा का कार्य प्रारंभ किया जिसे आप निरंतर 22 वर्षों से करते चले आरहे हैं जो आज पर्यंत जारी है । समय बद्धता आपका बहुत बड़ा गुण है ।

शब्दम् परिवार आपके सम्पन्न, समृद्ध, स्वस्थ, सुदीर्घ-सुजीवन की सुकामना करता है ।

परवीन बेगम का परिचय

परवीन बेगम का जन्म, खुर्जा जिला बुलंदशहर के एक सम्पन्न और समृद्ध परिवार में 11-04-1971 को हुआ था। खुर्जा के प्रसिद्ध उद्योग मृत्तिका-शिल्प ( सिरैमिक्स ) की तीन फैक्ट्रियों के आपके पिता जी मालिक थे। आपके पिता ने आपको इंटरमीडिएट तक की शिक्षा नियमित रूप दिलाई, जिसमें गृहविज्ञान भी एक विषय था। तत्पश्चात् आपने राजकीय पॉलीटेक्निक से सिलाई का डिप्लोमा नियमित अध्ययन से प्राप्त किया ।

आपका विवाह 1985 में आपकी दादी की जिद पर हुआ । यद्यपि इनके होने वाले पति वसीम अहमद की बैटरी और मोटर-पार्ट्स की अच्छी दूकान थी, जिससे वसीम साहब की आय भी अच्छी ख़ासी थी। आपके अन्य ससुराल वालों को यह रिश्ता कुछ कम पसंद तथापि इनकी दादी ने जिद पकड़ ली कि शादी तो शिकोहाबाद के वसीम अहमद से होगी और उनके आगे किसी की नहीं चली और यह शादी होकर ही रही ।

सब कुछ बहुत ठीक चल रहा था। किन्तु किस्मत से इनकी खुशियाँ देखी नहीं गयीं । सन् 2008 का वर्ष इनके लिए मुसीबतों का पहाड़ बनके टूट पड़ा । ट्रेन से पूरी तरह से रुकने से कुछ मिनिट पहले ट्रेन से उतरने से पूर्व अन्य उतरने वालों का पीछे से धक्का लगा और वसीम अहमद ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में गिर गये जब ट्रेन रुकी और लोगों ने उन्हें निकाला तब वे खून में नहाये हुए थे । उन्हें मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ ले जाया गया । उनका एक पैर घुटने के नीचे से काटना उनका जीवन बचाने के लिए अनिवार्य था, अतः वह काट दिया गया । रीढ़ की हड्डी में छोटा फ्रैक्चर भी था । उन्हें छहमहीने अस्पताल में रहना पड़ा जिसमें इतना व्यय हुआ कि आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होगयी और दुकान भी बंद हो गयी ।

अब घर का खर्च चलाने के लिए परवीन बेगम ने घर पर ही सिलाई का का काम शुरू किया। इसी बीच किसी ने बताया कि सरकारी अस्पताल में पोलियो की दवा घर घर जाकर पिलाने का काम मिल सकता है यद्यपि मानदेय बहुत कम था, फिर भी स्वीकार कर लिया । फिर घर पर टीबी की दवा बाँटने का काम भी मिल गया । रात में और अन्य बचे समय में सिलाई का काम जारी रखा ।

जबसे उन्हें शब्दम् सिलाई शिक्षिका नियुक्त किया गया है, कई लड़कियाँ और महिलाएँ सिलाई सीख कर उपार्जन कर रही हैं ।

शब्दम् परिवार आपके सम्पन्न, समृद्ध, स्वस्थ, सुदीर्घ-सुजीवन की सुकामना करता है ।

फोटो परिचय

शिक्षक मुहम्मद शाहिद का सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

योगाचार्य शिवरतन सिंह का सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सिलाई शिक्षिका परबीन बेगम का सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान पत्र के साथ शिक्षकगण।

सभागार में उपस्थित अतिथिगण।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

सम्मान करते शब्दम् सलाहकार समिति के सदस्य।

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