वसंत काव्य गोष्ठी
दिनांक- 11 फरवरी 2025
स्थान- संस्कृति भवन, बजाज इले. लि. आवासीय परिसर, शिकोहाबाद।
कविगण- बदन सिंह ‘मस्ताना’, अशोक मथुरिया, प्रवीन पाण्डेय एवं सतेन्द्र ‘निर्झर’
11 फरवरी 2025 को साहित्य-संगीत-कला को समर्पित संस्था ‘शब्दम्’ के तत्वावधान में वसंत पर्व के उपलक्ष्य में ’वसंत काव्य गोष्ठी’ का आयोजन उ.प्र. के शिकोहाबाद स्थित संस्कृति भवन में हुआ। इस काव्यगोष्ठी में आमंत्रित कवियों बदन सिंह ‘मस्ताना’, आशोक मथुरिया, प्रवीन पाण्डेय एवं सतेन्द्र ‘निर्झर’ ने अपनी काव्य रचनाओं को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में ‘शब्दम्’ अध्यक्ष किरण बजाज ने अपने संदेश में कहा कि हमारा प्रारम्भ से ही प्रयास रहा है कि इन काव्य समारोहों में, स्थापित कवियों के साथ-साथ, उभरती हुई नयी काव्य प्रतिभाओं को भी आमंत्रित किया जाए, जिससे प्रशंसा और प्रोत्साहन का आनन्द, सुधी जनों को आल्हादित करता रहे।
सभी को सुनाया गया। कार्यक्रम में कवि बदन सिंह ‘मस्ताना’ की कविता ‘ब्रज मण्ड़ल सो लगे सलोनो और न कोउ ठांउ, राधा पियसो जाए इठलावे कागा की होे कांउ’ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कवि अशोक मथुरिया ने अपने गीत ‘सइयां लेचल मोकूं गांव, शहर में नहीं रह पाउंगी‘ पर सभागार में उपस्थित श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।
कवि प्रवीन पाण्डेय के गीत ‘अपनी शान निराली, अपना वैभव जिंदाबाद.. हम हैं नगर फिरोजाबाद‘ को श्रोताओं ने खूब सराहा।
कवि सतेन्द्र ‘निर्झर’ ने अपनी कविता....‘पावन अनुपम सुखधाम बड़ो नीको लागे, जगसो न्यारों ब्रजधाम बड़ो नीको लागे’ ने श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
इस बसंत काव्य संध्या का एक प्रमुख आकर्षण चर्चित कवि और विचारक डॉ0 ध्रुवेन्द्र भदौरिया के काव्य संग्रह ध्रंवाजंलि का लोकार्पण भी था। आमंत्रित कवियों एवं ‘शब्दम’ सलाहकार समिति ने इस काव्य संग्रह का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. ध्रुवेन्द्र भदौरिया की दोहे ‘ऋतु राज वसंत का अलग-अलग पैगाम, सरसों जोगिन हो गई बौराये है आम ने मानों पूरा सभागार वसंत से रंग दिया। कार्यक्रम का संचालन व्यंग्यकार अरविन्द तिवारी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. महेश आलोक ने दिया। शब्दम् सलाहकर श्री मंजर जी व डॉ रजनी यादव जी ने भी सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में 100 से अधिक काव्यप्रेमी उपस्थित रहे।
फोटो परिचय
काव्य पाठ करते प्रवीन पाण्डेय
काव्य पाठ करते बदन सिंह ‘मस्ताना’
सभागार का दृश्य।
समूह छायांकन।
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